‘पहचान’ पाने की लालसा


हाल ही में किसी कार्य वश मेरा एक विश्वविद्यालय जाना हुआ। विश्वविद्यालय का सीधा सा मतलब उच्च शिक्षा का केन्द्र, लेकिन वहाँ मुझे कुछ अलग ही अहसास हुआ। ऐसा लगा जैसे मैं किसी बहुत बड़े व्यवसायिक स्थान पर आया हूँ। अधिकाँश छात्र महँगे एवं फैशन वाले कपड़े पहने हुए थे। अधिकाँश छात्राएँ महँगे गारमेंट्स के अलावा नवीनतम प्रकार की महँगी ज्वैलरी धारण किए हुए थी। कुछ छात्रों ने अपने सिर के बाल कलर किए हुए थे तथा विभिन्न प्रकार की हेयर स्टाइल धारण किए हुए थे। यही नहीं कुछ छात्रों ने तो दाढ़ी रखने के तरीके भ...

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‘महत्त्व’ पाने की लालसा


प्रत्येक व्यक्ति अपने आपको महत्त्वपूर्ण ही नहीं बल्कि ‘अत्यन्त महत्त्वपूर्ण व्यक्ति’ (Very Important Person, VIP) समझता है, यानि प्रत्येक व्यक्ति में ‘महत्त्व’ पाने की जन्मजात तीव्र लालसा होती है। कोई भी व्यक्ति इसका अपवाद नहीं है।

 

आइये मैं आपको वास्तविक जीवन के कुछ उदाहरण बताता हूँ :

 

मान लीजिये आप अपने दोस्तों या परिवार के सदस्यों के साथ ग्रुप फोटो खिंचवाते है। जब यह ग्रुप फोटो तैयार होकर आपके पास आता है तो आप ग्रुप में सब...

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मानव स्वभाव को समझें


मेरी आयु उस वक्त 7 या 8 वर्ष की थी। हमारे घर में उस वक्त दूध हेतु एक गाय रखी हुई थी। मैं देखता था कि गाय का दूध दुहने से पहले मेरी माँ आधा-एक घंटे तक गाय की पीठ को सहलाती थी, खाज करती थी, पीठ को थपथपाती थी, दूध निकालने से पहले कुछ न कुछ अच्छा चारा खिलाती थी, बछड़े को गाय की आँखों के समाने खड़ा रखती थी। यह सब होने पर गाय बड़े आराम से दूध देती थी।

सोचिये एक जानवर से कुछ पाने के लिए हमें उसे स्नेह, दुलार, पोषण आदि देना पड़ता है तो इन्सान से डांट-डंपटकर कुछ पा सकते है क्या? नहीं।

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आप अद्वितीय (Unique) है


इस दुनिया में आप जैसा न कोई पैदा हुआ है और न ही भविष्य में कभी पैदा होगा। अन्य व्यक्ति आप जैसा दिख सकता है, आपकी हुबहू नकल कर सकता है, लेकिन ठीक आप ही की तरह से वह सोच व कार्य नहीं कर सकता। आपका सोचना व आपकी प्रतिभा अद्वितीय (Unique) है। ठीक इसी प्रकार आपका जन्म किसी अद्वितीय प्रयोजन (Unique Purpose) के लिए हुआ है। आपको अपनी विशेषता, अपनी दक्षता, अपनी प्रतिभा को पहचान कर स्वयं आनन्दमय, समृद्धिपूर्ण, स्वस्थ व रचनात्मक जीवन जीना है तथा समाज के अन्य व्यक्तियों व प्राणियों को भी ऐसा ही जीवन जीने...

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जब तू आया जगत में ….. जब तू आया जगत में, जग हँसे तुम रोये। ऐसी करनी कर चलो कि तुम हँसो जग रोये।।


जब तुम इस दुनिया में आये (यानि बच्चे के रूप में जब तुम्हारा जन्म हुआ) तो तुम रोये और परिवार के लोग हँसे यानि प्रसन्न हुए। लेकिन अब तुम इतना अच्छा जीवन जीओं, ऐसे (अच्छे) कार्य (करनी) करो कि जब तुम दुनिया से जाओ (यानि जब तुम्हारी मृत्यु हो) तो तुम हँसो व दुनिया रोये (यानि दुनिया के लोग विलाप करें कि इतना अच्छा इंसान हमें क्यों छोड़ गया?)

… तो दोस्तों, क्या कभी आपने भी सोचा है कि जब आप इस दुनिया को छोड़कर जाएँगे तो क्या धरोहर छोड़ कर जायेंगे? दुनिया के लोग आपको किस रूप में याद करे...

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